Bewafa Shayari list
Wo kah kar gai thi ki lautkar aaungi,
Mein intajaar na karata to kya karta,
Wo jhooth bhi bol rahi thi bade salike se,
Main etabar na karta to kya karta.
वो कह कर गई थी कि लौटकर आऊँगी,
मैं इंतजार ना करता तो क्या करता,
वो झूठ भी बोल रही थी बड़े सलीके से,
मैं एतबार ना करता तो क्या करता।
Pyaar karne ka hunar hamein nahi aata,
Isliye pyaar ki baazi hum haar gaye,
Hamari zindagi se unhe bahot pyaar tha,
Shayad isiliye wo hamein zinda hi maar gaye..
प्यार करने का हुनर हमें नहीं आता,
इसलिए प्यार की बाज़ी हम हार गए,
हमारी ज़िन्दगी से उन्हें बहुत प्यार था,
सायद इसलिए हमे ज़िंदा ही मार गए!
Aaj hum unhe bewafa bata kar aaye hai,
Unke khaton ko pani mein bahakar aaye hai,
Koi nikal kar paadh na le unhe,
Isliye pani mein bhi aag lagake aaye hai.
आज हम उनको बेवफा बताकर आए है,
उनके खतो को पानी में बहाकर आए है,
कोई निकाल न ले उन्हें पानी से..
इस लिए पानी में भी आग लगा कर आए है।
Woh bewafa hamara imtihaan kya legi,
Milengi nazron se nazar toh nazar jhuka legi,
Use meri kabar p diya jalane ko math kehna,
Woh nadaan hain doston apna haath jala legi!
वो बेवफा हमारा इम्तेहा क्या लेगी,
मिलेगी नज़रो से नज़रे तो अपनी नज़रे ज़ुका लेगी,
उसे मेरी कबर पर दीया मत जलाने देना,
वो नादान है यारो.. अपना हाथ जला लेगी।
Meri barbadi par tu koi malal na karna,
bhul jana mera khyal na karna,
hum teri khusi k liye kafan odh lenge,
pr tu meri laash se koi sawal na karna.
मेरी बर्बादी पर तू कोई मलाल ना करना,
भूल जाना मेरा ख्याल ना करना,
हम तेरी ख़ुशी के लिए कफ़न ओढ़ लेंगे,
पर तुम मेरी लाश ले कोई सवाल मत करना!
Raaste khud hi tabahi ke nikale humne,
Kar diya dil kisi patthar ke hawale humne,
Hum ko maloom kya shaey hai mohabbat logoon,
Khud apna ghar phoonk ke dekhe hain ujale humne.
रास्ते खुद ही तबाही के निकाले हम ने,
कर दिया दिल किसी पत्थर के हवाले हमने,
हाँ मालूम है क्या चीज़ हैं मोहब्बत यारो,
अपना ही घर जला कर देखें हैं उजाले हमने।
Muskurate palko pe sanam chale aate hein,
Aap kya jaano kahan se hamare ghum aate hain,
Aaj bhi us mod par khade hain,
Jaha kisi ne kaha tha ke theron hum abhi aate hain.
मुस्कुराते पलको पे सनम चले आते हैं,
आप क्या जानो कहाँ से हमारे गम आते हैं,
आज भी उस मोड़ पर खड़े हैं,
जहाँ किसी ने कहा था कि ठहरो हम अभी आते है।
Dil ka dard ek raaz banke reh gaya,
Mera bharosa mazak banke reh gaya,
Dilo ke saudagar se dillagi kar bethe,
Shayad is liye mera pyaar mazak ban ke reh gaya.
दिल का दर्द एक राज बनकर रह गया,
मेरा भरोसा मजाक बनकर रह गया,
दिल के सोदागरो से दिललगी कर बैठे,
शायद इसीलिए मेरा प्यार इक अल्फाज बनकर रह गया।
Meri chahat ne use khushi de di,
badle mein usne mujhe khamoshi de di,
khuda se dua maangi marne ki to,
usne bhi tadapne ke liye zindagi de di.
मेरी चाहत ने उसे खुशी दे दी,
बदले में उसने मुझे सिर्फ खामोशी दे दी,
खुदा से दुआ मांगी मरने की लेकिन,
उसने भी तड़पने के लिए जिन्दगी दे दी!
Nadan inaki baato ka etabaar na kar,
Bhoolkar bhi in zaalim se pyaar na kar
Wo qayaamat talak tere paas na aayenge,
Inake aane ka nadan tu intajaar na kar!
नादान इनकी बातो का एतबार ना कर,
भूलकर भी इन जालिमो से प्यार ना कर,
वो क़यामत तलक तेरे पास ना आयेंगे,
इनके आने का नादान तू इन्तजार ना कर!
Kabhi usne bhi hume chahat ka paigam likha tha,
Sab kuch usne apna humare naam likha tha,
Suna hai aaj unko humare jikar se bhi nafrat hai,
Jisne kbhi apne dil par humara naam likha tha.
कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा था,
सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था,
सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है,
जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था।
Hath pakad kar rok lete agar,
Tujh par jara bhi zor hota mera,
Na rote hum yu tere liye..
Agar hamari zindagi me tere siwa koi aur hota!
हाथ पकड़ कर रोक लेते अगर,
तुझ पर ज़रा भी ज़ोर होता मेरा,
ना रोते हम यूँ तेरे लिये..
अगर हमारी ज़िन्दगी में तेरे सिवा कोई ओर होता.
Kaash unhen chahane ka aramaan na hota,
main hosh mein hote hue anajaan na hota,
ye pyaar na hota, patthar dil se hamen,
ya vo patthar dil inasaan na hota!
काश उन्हें चाहने का अरमान नही होता,
में होश में होकर भी अंजान नही होता,
ये प्यार ना होता, किसी पत्थर दिल से,
या फिर कोई पत्थर दिल इंसान ना होता!
Bahut mehngi hui ab to wafa,
log kaha milte hai.. jo sachcha pyar kare,
mohabbat to ban gai hai ab saza,
aashiq kaha milte hai, jo sang-sang ishq ka dariya paar kare!
बहुत महँगी हुई अब तो वफा..
लोग कहाँ मिलते हैं, जो सच्चा प्यार करें
मोहब्बत तो बन गई है अब सजा..
आशिक कहाँ मिलते हैं, जो संग-संग इश्क का दरिया पार करें!
Khuda ne jab ishq banaya hoga,
To khud ajmaya hoga,
Hamari to aukaat hi kya hai,
Is ishq ne khuda ko bhi rulaya hoga.
खुदा ने जब इश्क़ बनाया होगा,
तो खुद आज़माया होगा,
हमारी तो औकात ही क्या है,
इस इश्क़ ने खुदा को भी रुलाया होगा !
Koi achchi si saja do mujhko..
chalo bhula do mujhko..
Tumse dosti tute us din maut aa jaye mujhko..
dil ki gahraiyon se dua do mujhko.
कोई अच्छी सी सज़ा दो मुझको,
चलो ऐसा करो भूला दो मुझको,
तुमसे बिछडु तो मौत आ जाये,
दिल की गहराई से ऐसी दुआ दो मुझको!
Koi chupata hai, koi batata hai..
Koi rulata hai to koi hasata hai..
Pyar to har kisiko hai kisi na kisi se..
Fark itna hai.. Koi azmaata hai aur koi nibhaata hai!!
कोई छुपाता है, कोई बताता है,
कोई रुलाता है, तो कोई हंसाता है,
प्यार तो हर किसी को ही किसी न किसी से हो जाता है,
फर्क तो इतना है कि कोई अजमाता है और कोई निभाता है!
दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बेठे,
यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बेठे,
वो हमे एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का,
और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बेठे!
Dil se roye magar honto se muskura beithe,
yunhi hum kisi se wafa nibha beithe,
wo hame ek lamha na de paye apne pyar ka,
aur hum unke liye apni zindagi gawa beithe.
गुजारिश हमारी वह मान न सके,
मज़बूरी हमारी वह जान न सके,
कहते हैं मरने के बाद भी याद रखेंगे,
जीते जी जो हमें पहचान न सके.
Gujarish hamari woh maan na sake,
Majburi hamari woh jaan na sake,
Kehte hain marne ke baad bhi yaad rakhenge,
Jeete ji jo hame pehchan na sake.
हमसे पूछो क्या होता है पल पल बिताना,
बहुत मुश्किल होता है दिल को समझाना,
यार ज़िन्दगी तोह बीत जायेगी,
बस मुश्किल होता है कुछ लोगो को भूल पाना।
Humse pucho kya hota hai pal pal bitana,
Bahut mushkil hota hai dil ko samjana,
Yaar zindagi toh beet jayegi,
Bus mushkil hota hai kuch logo ko bhul pana.
हम सिमटते गए उनमें और वो हमें भुलाते गए..
हम मरते गए उनकी बेरुखी से, और वो हमें आजमाते गए ..
सोचा की मेरी बेपनाह मोहब्बत देखकर सीख लेंगी वफाएँ करना ..
पर हम रोते गए और वो हमें खुशी-खुशी रुलाते गए..!
ham simatate gae unamen aur vo hamen bhulaate gae..
ham marate gae unakee berukhee se, aur vo hamen aajamaate gae ..
socha kee meree bepanaah mohabbat dekhakar seekh lengee vaphaen karana ..
par ham rote gae aur vo hamen khushee-khushee rulaate gae
हकीकत जान लो जुदा होने से पहले,
मेरी सुन लो अपनी सुनाने से पहले,
ये सोच लेना भूलने से पहले,
बहुत रोई हैं ये आँखें मुस्कुराने से पहले.
Haqikat jaan lo juda hone se pahle,
Meri sun lo apni sunane se pahle,
Ye soch lena bhulane se pahle,
Bahut royi hain ye aankhen muskurane se pahle.
इश्क़ सभी को जीना सिखा देता है,
वफ़ा के नाम पर मरना सीखा देता है,
इश्क़ नहीं किया तो करके देखो,
ज़ालिम हर दर्द सहना सीखा देता है!
Ishq sabhi ko jena sikha deta hai,
wafa ke naam par marna sikha deta hai,
ishq nahi kiya to karke dekho,
zalim har dard sehna sikha deta hai!
उनकी मोहब्बत का अभी निशान बाकी हैं,
नाम लब पर हैं मगर जान अभी बाकी हैं,
क्या हुआ अगर देख कर मूंह फेर लेते हैं वो..
तसल्ली हैं कि अभी तक शक्ल कि पहचान बाकी हैं!
Unki mohabbat ka abhi nishan baki hai,
Naam hothon par hai, Jaan abhi baki hai
Kya hua agar dekh kar muh pher leti hai wo..
Tasalli toh hai ki Chehre ki pehchaan abhi baki hai!
न वो आ सके न हम कभी जा सके,
न दर्द दिल का किसी को सुना सके,
बस बैठे है यादों में उनकी,
न उन्होंने याद किया और न हम उनको भुला सके !!
Na wo aa sake na hum kabhi ja sake,
Na dard dil ka, Kisi ko suna sake,
Bus baithe hai yadon me unki..
Na unhone yaad kiya or na hum unko bhula sake.
दर्द ही सही मेरे इश्क का इनाम तो आया,
खाली ही सही हाथों में जाम तो आया,
मैं हूँ बेवफ़ा सबको बताया उसने,
यूँ ही सही, उसके लबों पे मेरा नाम तो आया।
Dard hi sahi mere ishq ka inaam to aaya,
khali hi sahi hathon me jaam to aaya
main hoon bewafa sabko bataya usne,
yun hi sahi uske labon pe mera naam to aaya!
हम सिमटते गए उनमें और वो हमें भुलाते गए,
हम मरते गए उनकी बेरुखी से, और वो हमें आजमाते गए,
सोचा की मेरी बेपनाह मोहब्बत देखकर सीख लेंगी वफाएँ करना,
पर हम रोते गए और वो हमें खुशी खुशी रुलाते गए..!
ham simatate gae unamen aur vo hamen bhulaate gae,
ham marate gae unakee berukhee se, aur vo hamen aajamaate gae,
socha kee meree bepanaah mohabbat dekhakar seekh lengee vaphaen karana,
par ham rote gae aur vo hamen khushee khushee rulaate gae.
अनजाने में यूँ ही हम दिल गँवा बैठे,
इस प्यार में कैसे धोखा खा बैठे,
उनसे क्या गिला करें.. भूल तो हमारी थी
जो बिना दिलवालों से ही दिल लगा बैठे।
Anjane Mein Hum Apna Dil Gawa Baithe,
Is Pyar Me Kaisa Dhoka Kar Baithe,
Unse Kya Gila Kare… Bhool Hamari Thi,
Jo Bina Dilwalon Se Dil Laga Baithe.
टूटा हो दिल तो दुःख होता है,
करके मोहब्बत किसी से ये दिल रोता है,
दर्द का एहसास तो तब होता है,
जब किसी से मोहब्बत हो और उसके दिल में कोई और होता है।
Toota ho dil to dukh hota hai,
Karke mohabbat kisi se ye dil rota hai,
Dard ka ehsaas to tab hota hai,
Jab kisi se mohabbat ho aur uske dil mei koi aur hota hai.
तेरे प्यार का सिला हर हाल में देंगे,
खुदा भी मांगे ये दिल तो टाल देंगे,
अगर दिल ने कहा तुम बेवफ़ा हो,
तो इस दिल को भी सीने से निकाल देंगे।
Tere pyaar ka sila har haalmein denge,
Khuda bhi maange ye dil toh nikaal denge,
Agar dil ne kaha tum bewafa ho,
Toh is dil ko bhi seene se nikaal denge!
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है,
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है,
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर,
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है!
Ulfat ka aksar yehi dastur hota hai,
jise chaho wahi apne se dur hota hai,
Dil tutkar bikharta hai is kadar jaise
koi kanch ka khilona chur-chur hota hai.
एक दिन हम आपसे इतने दूर हो जायेंगे,
के आसमान के इन तारो में कही खो जायेंगे,
आज मेरी परवाह नहीं आपको,
पर देखना एक दिन हद से ज्यादा.. हम आपको याद आएंगे!!
Ek din ham aapse itni door ho jaayenge,
ke aasmaan ke en taaro me kahi kho jaayenge,
aaj meri parwah nahi aapko,
par dekhna ek din had se jyada.. ham aapko yaad ayenge!
कदम कदम पर बहारो ने साथ छोडा,
जरुरत पडने पर यारो ने साथ छोडा,
बादा किया सितारोँ ने साथ निभाने का,
सुबह होने सितारो ने साथ छोडा.
Kadam kadam pe baharon ne saath chhoda,
zaroorat padne par yaaron ne saath chhoda,
vaada kiya sitaron ne saath dene ka,
subah hone par sitaron ne bhi saath chhoda.
हमने भी किसी से प्यार किया था,
हाथो मे फूल लेकर इंतेज़ार किया था,
भूल उनकी नही भूल तो हमारी थी,
क्यों की उन्हो ने नही, हमने उनसे प्यार किया था..!!
Humne Bhi Kisi Se Pyar Kiya Tha,
Hatho Me Phool Lekar Intezarr Kiya Tha,
Bhul Unki Nahi Bhul Toh Humari Thi..
Kyon Ki Unho Ne Nahi, Humne Unse Pyar Kiya Tha..
हसीनो ने हसीन बनकर गुनाह किया,
औरों को तो क्या हमको भी तबाह किया,
पेश किया जब ग़ज़लों में हमने उनकी बेवफ़ाई को,
औरों ने तो क्या उन्होने भी वाह-वाह किया.
Hasino ne haseen bankar gunaah kiya,
auro ko to kya humko bhi tabah kiya,
Pesh kiya jab shayari mein humne unki bewafai ko,
auro ne to kya unhone bhi wah-wah kiya.
vo hamen bhool bhee jaayen to koee gam nahin,
jaana unaka jaan jaane se bhee kam nahin,
jaane kaise zakhm die hain usane is dil ko,
ki har koee kahata hai ki is dard kee koee maraham nahin।
वो हमें भूल भी जायें तो कोई गम नहीं,
जाना उनका जान जाने से भी कम नहीं,
जाने कैसे ज़ख़्म दिए हैं उसने इस दिल को,
कि हर कोई कहता है कि इस दर्द की कोई मरहम नहीं।
आग दिल में लगी जब वो खफ़ा हुए,
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए,
करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो,
पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफ़ा हुए!
Aag Dil Me Lagi Jab Wo khafa Hue,
Mehsoos hua Tab, Jab Wo Juda Hue,
Kar K Wafa Kuch De Na Sake Wo,
Per Bahut Kuch De Gaye Jab Wo Bewafa Hue.
उसके चले जाने के बाद..
हम महोबत नहीं करते किसी से..
छोटी सी जिन्दगी है..
किस किस को अजमाते रहेंगे
usake chale jaane ke baad..
ham mahobat nahin karate kisee se..
chhotee see jindagee hai..
kis kis ko ajamaate rahenge
उसे उड़ने का शौक था..
और हमें उसके प्यार की कैद पसंद थी..
वो शौक पूरा करने उड़ गयी जो..
आखिरी सांस तक साथ देने को रजामंद थी
use udane ka shauk tha..
aur hamen usake pyaar kee kaid pasand thee..
vo shauk poora karane ud gayee jo..
aakhiree saans tak saath dene ko rajaamand thee|
हर भूल तेरी माफ़ की..
हर खता को तेरी भुला दिया..
गम है कि, मेरे प्यार का..
तूने बेवफा बनके सिला दिया|
har bhool teree maaf kee..
har khata ko teree bhula diya..
gam hai ki, mere pyaar ka..
toone bevapha banake sila diya|
Raat kee gehrai aankhon mein utar aai,
Kuchh khwab the aur kuchh mere tanhai,
Ye jo palkon se bah rahe hain halke-halke,
Kuchh to majbure thi kuchh tere Bewafai.
रात की गहराई आँखों में उतर आई,
कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई,
ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के हल्के,
कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई।
Bewafa To Woh Khud Thi..
Par Ilzaam Kisi Aur Ko Deti Hai..
Pehle Naam Tha Mera Uske Hothon Par..
Ab Woh Naam Kisi Aur Ka Leti Hai..
Kabhi Leti Thi Wada Mujhse Saath Na Chorne Ka..
Ab Yehi Wada Kisi Aur Se Leti Hai.
समेट कर ले जाओ..
अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से..
अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर..
इनकी ज़रूरत पड़ेगी।
Samet Kar Le Jao..
Apne Jhoothe Waadon Ke Adhure Kisse..
Agli Mohabbat Me Tumhein Phir..
Inki Zarurat Padegi.
तू तो हँस हँसकर जी रही है,
जुदा होकर भी..
कैसे जी पाया होगा वो,
जिसने तेरे सिवा जिन्दगी कभी सोची ही नहीं.
too to hans hansakar jee rahee hai,
juda hokar bhee..
kaise jee paaya hoga vo,
jisane tere siva jindagee kabhee sochee hee nahin.
Lage he ilzaam dil pe jo mujh ko rulate hai,
Kisi ki berukhi aur kisi aur ko satate he,
Dil tod ke mera wo badi asani se keh gaye alvida,
Lekin halaat mujhe bewafa thehraate hai.
क्या अजीब सी ज़िद है..
हम दोनों की,
तेरी मर्ज़ी हमसे जुदा होने की..
और मेरी तेरे पीछे तबाह होने की..
Kya ajeeb si zid hai..
hum dono ki..
teri tamanna mujhse judaa hone ki,
aur meri tamanna tere Liye tabah hone ki.
Hum to tere dil ki mehfil sajane aye the,
Teri kasam tujhe apna banane aye the.
Kis baat ki saza di tune hum ko,
Bewafa hum to tere dard ko apnane aye the.
Chand tare zameen par lane ki zid thi,
Hamein unko apna banane ki zid thi,
Achcha hua woh pehle hi ho gayi bewafa,
Warna unhe pane ko zamana jalane ki zid thi.
पूछते है सब जब बेवफा था तो उसे
दिल दिया ही क्यों
किस किस को बतलाये
उस शख्स में बात ही कुछ ऐसी थी
दिल नहीं देते तो जान चली जाती”.
poochhate hai sab jab bevapha tha to use
dil diya hee kyon
kis kis ko batalaaye
us shakhs mein baat hee kuchh aisee thee
dil nahin dete to jaan chalee jaatee”.
मेरी वफ़ा की कदर ना की,
अपनी पसंद पे तो ऐतबार किया होता,
सुना है वो उसकी भी ना हुई,
मुझे छोड दिया था उसे तो अपना लिया होता|
meree vafa kee kadar na kee,
apanee pasand pe to aitabaar kiya hota,
suna hai vo usakee bhee na huee,
mujhe chhod diya tha use to apana liya hota|
Gam Nahi Ke Tum Bewafa Nikli,
Magar Afsos Iss Baat Ka Hai,
Wo Sab Log Sach Nikle,
Jinse Main Tere Liye Lada karta Tha.
गम इस बात का नही कि तुम बेवफा निकली,
मगर अफ़सोस ये है कि,
वो सब लोग सच निकले,
जिनसे मैं तेरे लिए लड़ा करता था!
हम तो जल गये उसकी मोहब्बत में
मोमकी तरह,
अगर फिर भी वो हमें बेवफा कहे…तो
उसकी वफ़ा को सलाम..
Hum To Jal Gaye Uski Mohabbat Mein
Moam Ki Tarah…
Agar Phir Bhi Koi Humen Bewafa Kahe…To
Uski Wafa Ko Salam.
Toote Hue Pyaale Mein Jaam Nahi Aata,
Ishq Mein Mareej Ko Aaraam Nahi Aata,
Ae Bewafa Dil Todne Se Pehle Ye Soch Liya Hota,
Ki Toota Hua Dil Kisi Ke Kaam Nahi Aata.
टूटे हुए प्याले में जाम नहीं आता,
इश्क़ में मरीज को आराम नहीं आता,
ये बेवफा दिल तोड़ने से पहले ये सोच तो लिया होता,
की टुटा हुआ दिल किसी के काम नहीं आता !
उड़ रहा था मेरा दिल भी परिंदों की तरह,
तीर जब लग गई तो कोई भी मरहम न हुआ,
देख लेना था मुझे भी हर सितम की अदा,
ऐ सनम तेरे जैसा मेरा कोई दुश्मन न हुआ.
ud raha tha mera dil bhee parindon kee tarah,
teer jab lag gaee to koee bhee maraham na hua,
dekh lena tha mujhe bhee har sitam kee ada,
ai sanam tere jaisa mera koee dushman na hua.
Pathar Ki Yeh Duniya Jazbat Nahi Samajhti,
Dil Me Hai Jo Woh Bat Nahi Samajhti,
Tanha Toh Chand Bhi Hai Sitaron Ke Beech,
Magar Chand Ka Dard Bewafa Raat Nahi Samajhti.
Tumhari Har Ek Baat Bewfai Ki Kahani Hai,
Lekin
Teri Har Saans Meri Zindagi Ki Nishani Hai,
Tum Aaj Tak Samajh Nahi Sake Mere Pyar Ko,
Isliye Mere Aansoo Bhi Tere Liye Pani Hai.
Chaha tha jise use bhulaya na gaya,
Zakhm dil ka logo se chupaya na gaya,
Bewafai ke baad bhi itna pyar karta hai dil unse,
Ki bewafai ka ilzaam bhi uss par lagaya na gaya.
आज अचानक तेरी याद ने मुझे रुला दिया,
क्या करू तुमने जो मुझे भुला दिया,
न करती वफ़ा न मिलती ये सजा,
शायद मेरी वफ़ा ने ही तुझे बेवफा बना दिया।
Aaj Achanak Teri Yaad Ne Mujhe Rula Diya,
Kya Karu tumne Jo Mujhe Bhula Diya,
Na Karti Wafa Na Milti Ye Saza,
Shayad Meri Wafao Ne hi tujhe Bewafa bana diya.
घुट घुट कर जीना तो
ज़िन्दग़ी नहीं होती,
नफरत से सर झुकाना
बन्दग़ी नहीं होती,
वो ग़ुनाह माफ़ी के
लायक नहीं है,
जिसमें शामिल कोई
शर्मिन्दग़ी नहीं होती ।
वफ़ा की तलाश करते रहे हम
बेबफाई में अकेले मरते रहे हम,
नहीं मिला दिल से चाहने वाला
खुद से ही बेबजह डरते रहे हम,
लुटाने को हम सब कुछ लुटा देते
मुहब्बत में उन पर मिटते रहे हम,
खुद दुखी हो कर खुश उन को रखा
तन्हाईयों में सांसे भरते रहे हम,
वो बेवफाई हम से करते ही रहे
दिल से उन पर मरते रहे हम|
टूटे हुए दिल ने भी उसके लिए दुआ मांगी,
मेरी साँसों ने हर पल उसकी ख़ुशी मांगी..
न जाने कैसी दिल्लगी थी उस बेवफा से,
के मैंने आखिरी ख्वाहिश में भी उसकी वफ़ा मांगी
toote hue dil ne bhee usake lie dua maangee,
meree saanson ne har pal usakee khushee maangee..
na jaane kaisee dillagee thee us bevapha se,
ke mainne aakhiree khvaahish mein bhee usakee vafa maangee
Kash ke hum unke dil pe raaj karte,
Jo kal tha wohi pyar aaj karte,
Hume gum nahi unki bewafai ka,
Bas Armaan tha ki hum bhi apne pyar pe naaz karte.
Itni bedardi se dil ko mere voh tod degi,
Yeh maloom na tha mujhe akela voh chhor degi,
Aey mere masoom dil tu tanhai se pyar kar le,
Bewafa bhi ab wafa ka saath chhor degi.
Kisi ko pyar itna dena ki had na rahe,
par aitbaar bhi itna rakhna ki shak na rahe,
wafa itni karna ki bewafai na ho,
aur dua bus itni karna ki judai na ho.
Kisi Aur Ki Bahon Mein Rehkar,
Wo Mujhse Wafa Ki Baat Karte Hai,
Ye Kaisi Chahat Hai Yaro,
Wo Bewafa Hai Ye Jankar Bhi Hum Unhi Se Pyar Karte Hai.
Kabhi koi apna anjan ho Jata hai
kabhi kisi anjan se pyar ho Jata hai
Ye Jaruri nahi ki Jo khushi de usi se pyar ho
Dil todne walo pe bi DIL Nisar ho jata hai.
Ek Zara Si Bhool Khata Ban Gayi..
Meri Wafa Hi Meri Saza Ban Gayi..
Dil Liya Aur Khel Kar Tod Diya Usne..
Hamari Jaan Gayi Aur Unki Ada Ban Gayi..
Hum to tere dil ki mahfil sajane aye the,
Teri kasam tujhy apna banany aye the.
Kis baat ki sazaa di tu ne ham ko,
Bewafa hum to tere dard ko apnane aye the.
Aapki nashili yaadon mein dubkar
humne ishq ki gehrai ko samjha,
Aap toh de rahe the dhokha aur
humne jaanke bhi kabhi aapko bewafa na samjha!
आपकी नशीली यादों में डूबकर,
हमने इश्क की गहराई को समझा,
आप तो दे रहे थे धोखा और,
हमने जानकर भी कभी आपको बेवफा न समझा।
मत ज़िकर कीजिये मेरी अदा के बारे में,
मैं बहुत कुछ जानता हूँ वफ़ा के बारे में,
सुना है वो भी मोहब्बत का शोक़ रखते हैं,
जो जानते ही नहीं वफ़ा के बारे में।
mat zikar keejiye meree ada ke baare mein,
main bahut kuchh jaanata hoon vafa ke baare mein,
suna hai vo bhee mohabbat ka shoq rakhate hain,
jo jaanate hee nahin vafa ke baare mein.
हमनें अपनी साँसों पर उनका नाम लिख लिया,
नहीं जानते थे कि हमनें कुछ गलत किया,
वो प्यार का वादा करके हमसे मुकर गए,
ख़ैर उनकी बेवाफाई से हमनें कुछ तो सबक लिया!
hamanen apanee saanson par unaka naam likh liya,
nahin jaanate the ki hamanen kuchh galat kiya,
vo pyaar ka vaada karake hamase mukar gae,
khair unakee bevaaphaee se hamanen kuchh to sabak liya!
Kya Batau Mera Haal Hai Kaisa,
Ek Din Guzarta Hai Ek Saal Jaisa,
Tadapta Hu Iss Kadar Bewafayi Mein Uski,
Yeh Tan Baanta Ja Raha Hai Kankal Jaisa.
क्या बताऊँ मेरा हाल कैसा है,
एक दिन गुज़रता है एक साल जैसा है,
तड़पता हूँ इस कदर बेवफाई में उसकी,
ये तन बनता जा रहा कंकाल जैसा है।
Ulfat mein aksar aisa hota hai,
ankhein hasti hai aur dil rota hai,
mante hai hum jinhe manzil
apni humsafar unka koi aur hota hai.
उल्फत में अक्सर ऐसा होता है,
आँखे हंसती हैं और दिल रोता है,
मानते हो तुम जिसे मंजिल अपनी,
हमसफर उनका कोई और होता है!
Hamain Na Muhabbat Mili Na PyaR Mila,
Humko Jo Bhi Mila BeWafa YaaR Mila,
Apni To Ban Gaye Tamasha Zindagi Ka,
Har Koi Apne Maqsad ka TalabGar Mila.
हमें न मोहब्बत मिली न प्यार मिला,
हम को जो भी मिला बेवफा यार मिला,
अपनी तो बन गई तमाशा ज़िन्दगी,
हर कोई अपने मकसद का तलबगार मिला!
Wo Raat Dard Aur Sitam Ki Raat Hogi
Jis Raat Rukhsat UnKi Baraat Hogi,
Uth Jaate Hain Yeh Soch Kar Neend Se
Ki Kisi Gair K Bahon Me Hmari Sari Kaynaat Hogi.
वो रात दर्द और सितम की रात होगी,
जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी,
उठ जाता हूँ मैं ये सोचकर नींद से अक्सर,
कि एक गैर की बाहों में मेरी सारी कायनात होगी।
वो रोए तो बहुत.. पर मुहं मोड़कर रोए..
कोई तो मजबूरी होगी.. जो दिल तोड़कर रोए..
मेरे सामने कर दिए मेरी तस्वीर के टुकडे़..
पता चला मेरे पीछे वो उन्हें जोड़कर रोए.
vo roe to bahut.. par muhan modakar roe..
koee to majabooree hogee.. jo dil todakar roe..
mere saamane kar die meree tasveer ke tukade
pata chala mere peechhe vo unhen jodakar roe.
Kaha koi aisa mila jispe dil luta dete,
har ek ne dhoka diya kis-kisko bhula dete,
apne dil ka dard dil hi mein dabaye rakhe hain,
karte bayan to mehfil ko rula dete.
कहाँ कोई ऐसा मिला जिस पर हम दुनिया लुटा देते,
हर एक ने धोखा दिया, किस-किस को भुला देते,
अपने दिल का ज़ख्म दिल में ही दबाये रखा,
बयां करते तो महफ़िल को रुला देते।
Wasta Nahi Rakhna to..
phir mujh pe.. nazar kyu rakhta hai.
main kis haal me jinda hu..
tu ye sab kahabr kyu rakhta hai
वास्ता नही रखना तो..
फिर मुझपे.. नजर क्यूं रखता है?
मैं किस हाल में जिंदा हूँ…
तू ये सब.. खबर क्यूं रखता है.
Mat Puch Sabar Ki Inteha Kahan Tak Hai,
Tu Sitam Kar Le Teri Taqat Jahan Tak Hai,
Wafa Ki Umeed Kisi Aur Ko Hogi,
Humein To Dekhna Hai Tu Bewafa Kahan Tak Hai.
Mujhse Na Sahi, Gairon Se Hi Sahi,
Tumhein Dil Ko Lagana Aa To Gaya,
Duniya Mein Kisi Ke Tum Ho To Gaye,
Chalo Tumhein Pyaar Nibhana Aa To Gaya.
Taraste The Jo Humse Milne Ko Kabhi,
Na Jaane Kyun Aaj Hamare Saaye Se Bhi Karte Hain,
Hum bhi Wahi Hain Yeh Dil Bhi Wahi Hai,
Na Jaane Phir Kyon Aise Log Badal Jaate Hain.
Aaj Achanak Teri Yaad Ne Mujhe Rula Diya,
Kya Karu Tum Ne Jo Mujhe Bhula Diya,
Na Karte Wafa To Na Milti Ye Saza,
Shayad Meri Wafaon Ne Hi Tujhe Bewafa Bana Diya.
Har Sitam Seh Kar Kitne Gham Chipaye Humne,
Teri Khatir Har Din Aansu Bahaye Humne,
Tu Chhod Geya Jaha Humein Raahon Mein Akela,
Bas Tere Diye Zakhm Har Ek Se Chipaye Humne.
Zakham Ki Baat Nahi Hai Jaane Dard Kyon Hota Hai,
Dhokhe Ki Baat Nahi Hai Jaane Ehaas Kyon Hota Hai,
Jante Hue Ki Wo Bewafa Hain,
Na Jane Phir Bhi Pyaar Kyon Hota Hai.
Tadap ke Dekh Kisi ki Chahat Me,
To Pata Chale Intzaar Kya Hota Hai,
Yu Mil Jaaye Agar Koi Bina Tadap Ke,
To Kaise Pata Chale Pyar Kya Hota Hai.
Phoolon Se To Wafa Mil Nahi Saki Aao
Kaanton Se Dosti Kar Lein.
Suna Hai Yeh Daaman Pakad Lein Fir..
Aasaani Se Chhoda Nahi Karte!
उनको ये शिकायत है कि मैं बेवफाई पे नहीं लिखता,
और मैं सोचता हूं कि मैं उनकी रुसवाई पे नहीं लिखता..
ख़ुद अपने से ज्यादा बुरा जमाने में कौन है?
मैं इसलिए औरों की बुराई पे नहीं लिखता..
कुछ तो आदत से मजबूर हैं और कुछ फितरतों की पसंद है
जख्म कितने भी गहरे हों, मैं उनकी दुहाई पे नहीं लिखता…..!!