चाँद की चादँनी देखी, मौजो की रवानी देखी
मगर जब से कोई रूठा, नहीं कोई जीशानी देखी
खुश रहे वो हमेशा ये दुआ अजा़नो में रही
और दिन महीने साल यूं गुजरते जाये
तबियत से उनकी कामयाबी जिन्दगानी में देखी |
चाँद की चादँनी देखी, मौजो की रवानी देखी
मगर जब से कोई रूठा, नहीं कोई जीशानी देखी
खुश रहे वो हमेशा ये दुआ अजा़नो में रही
और दिन महीने साल यूं गुजरते जाये
तबियत से उनकी कामयाबी जिन्दगानी में देखी |
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