बहते पानी की तरह है.... फितरत- ए-इश्क.
रुकता भी नहीं......थकता भी नहीं.....थमता भी नहीं.....
और मिलता भी नहीं.. .💕
बहते पानी की तरह है.... फितरत- ए-इश्क.
रुकता भी नहीं......थकता भी नहीं.....थमता भी नहीं.....
और मिलता भी नहीं.. .💕
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