ईन आँखो की मस्ती के मस्ताने हजारों हैं....!
ईन आँखो से बा बस्ता अफसाने हजारों हैं....!!
इक तुम ही नहीं तन्हाँ उल्फत में मेरी रुसवा...!!!
इस शहर तुम जैसा दीवाने हजारों हैं...!!!!